Thalapathy Vijay की फिल्म Leo 🌟 का Movie Review 🎬 देखें या ना देखें? 🤔🍿Leo Movie Review in hindi

Leo – एक्शन और ड्रामा से भरपूर 🌟Movie Review

नमस्कार, मेरे साथी फिल्म प्रेमी! आज, हम थलपति विजय, संजय दत्त और तृषा अभिनीत नवीनतम तेलुगु एक्शन ड्रामा फिल्म “लियो” (Leo) के बारे में जानेंगे यानी की मूवी रिव्यू करेंगे। 19 अक्टूबर, 2023 को रिलीज हुई यह फिल्म उत्साह और प्रत्याशा से भरी हुई है। लेकिन क्या यह फिल्म विजय के चाहने वाले और आम फिल्म प्रेमी के दिलों को छु पाएगी या नहीं तो चलिए जानते हैं।

🔍 कथानक का खुलासा (About Leo Movie Plot)

“लियो” मूवी हिमाचल प्रदेश के ठियोग में एक कैफे चलाने वाले एक नियमित पारिवारिक व्यक्ति पार्थिबन (Thalapathy Vijay) की कहानी कहता है। जीवन में एक अप्रत्याशित मोड़ आता है जब कुछ उपद्रवी उसके परिवार और कैफे को धमकाते हैं। खतरे के सामने, पार्थिबन अपने प्रियजनों की रक्षा करता है। तभी गैंगस्टर एंटनी दास (संजय दत्त) और हेरोल्ड दास (अर्जुन) दृश्य में प्रवेश करते हैं, यह विश्वास करते हुए कि पार्थिबन उनके लंबे समय से खोए हुए परिवार के सदस्य, लियो दास हैं। रहस्य खुलता है, जिससे रोमांचकारी घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू होती है।

Thalapathy Vijay की फिल्म Leo 🌟 का Movie Review 🎬 देखें या ना देखें? 🤔🍿Leo Movie Review in hindi

Movie Review

First Half

“लियो” का पहला भाग मंच तैयार करने का काम करता है। जानबूझकर की गई गति पार्थिबन की दुनिया में गहराई से उतरने की अनुमति देती है। थलपति विजय का भेद्यता का चित्रण चमकीला है, और शुरुआती घंटे में एक्शन दृश्य लुभावने हैं। विजय ने साबित किया कि वह सिर्फ एक स्टार ही नहीं बल्कि एक प्रतिभाशाली अभिनेता भी हैं। कैफ़े में लड़ाई का दृश्य एक आकर्षण है, जो हमें पूरे समय बांधे रखता है।

फिल्म का अंतराल बिंदु अच्छी तरह से निष्पादित किया गया है, जो दूसरे भाग के लिए प्रत्याशा पैदा करता है। “लियो” में ठोस एक्शन दृश्य और प्रभावशाली सिनेमैटोग्राफी है। तृषा ने अच्छा प्रदर्शन किया है, और फिल्म प्री-क्लाइमेक्स और चरमोत्कर्ष की ओर गति पकड़ती है, जिससे हमें कुछ आश्चर्य होता है। गौरतलब है कि यह फिल्म बड़े लोकेश सिनेमैटिक यूनिवर्स (एलसीयू) का हिस्सा है, जिसे प्रशंसक निस्संदेह सराहेंगे।

Second Half

फिल्म का दूसरा भाग उतनी तीव्रता बनाए नहीं रखता है। निराशाजनक बात यह है कि फ्लैशबैक सीक्वेंस उतनी अच्छी तरह से नहीं लिखे गए हैं जितनी कि लोकेश कनगराज, जो अपने उल्लेखनीय काम के लिए जाने जाने वाले निर्देशक हैं, से उम्मीद की जा सकती है। अंतराल के बाद गति धीमी हो जाती है, और कथानक में महत्वपूर्ण विकास का अभाव है।

Supporting Cast

संजय दत्त और अर्जुन जैसे अभिनेता स्क्रिप्ट के कारण स्थाई प्रभाव नहीं छोड़ पाते। प्रिया आनंद सहित कई पात्रों की भूमिकाएँ सीमित हैं, और भावनात्मक दृश्य उनकी छाप छोड़ देते हैं। फिल्म में गानों के चयन और छोटी-छोटी जानकारियों जैसे कुछ पहलुओं में सुधार किया जा सकता था।

💡तकनीकी पहलू: अनिरुद्ध का बैकग्राउंड स्कोर, हालांकि कुछ हिस्सों में अच्छा है, लेकिन उनके पिछले काम की ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचता है। दुर्भाग्यवश, गाने यादगार प्रभाव छोड़ने में विफल रहते हैं। मनोज परमहंस की सिनेमैटोग्राफी असाधारण है, खासकर एक्शन दृश्यों के दौरान। संपादन की गुणवत्ता अलग-अलग है, दूसरे भाग में सुधार की आवश्यकता है।

🎬 निर्देशक (Director)

लोकेश कनगराज, जो अपनी कहानी कहने की कुशलता के लिए जाने जाते हैं, पहले भाग में एक अच्छी कहानी प्रस्तुत करते हैं। हालाँकि, फिल्म के उत्तरार्ध में वह उसी गति को बनाए रखने में लड़खड़ाते हैं। हालाँकि कहानी परिचित लग सकती है, लेकिन क्रियान्वयन ही मायने रखता है, और “लियो” उम्मीदों से थोड़ा कम है।

“लियो” देखने के कारण:

  1. थलपति विजय का शानदार प्रदर्शन: यदि आप थलपति विजय के प्रशंसक हैं, तो यह फिल्म अवश्य देखनी चाहिए। उनकी अभिनय क्षमता चमकती है, और वह एक्शन और भावनात्मक गहराई दोनों के मामले में एक शक्तिशाली प्रदर्शन करते हैं।
  2. आकर्षक पहला भाग: फिल्म का पहला भाग आकर्षक है, जो एक अच्छी गति वाली कहानी, नायक के जीवन की एक झलक और तीव्र एक्शन दृश्यों की पेशकश करता है जो आपको अपनी सीट से बांधे रखेगा।
  3. एक्शन प्रेमियों का मनोरंजन: यदि आप एक्शन से भरपूर फिल्मों के प्रशंसक हैं, तो “लियो” में कुछ अच्छी तरह से मंचित एक्शन दृश्य हैं जो एक दृश्य आनंद हैं। विजय के एक्शन सीन मुख्य आकर्षण हैं।
  4. लोकेश सिनेमैटिक यूनिवर्स (एलसीयू): लोकेश कनगराज के सिनेमाई ब्रह्मांड का अनुसरण करने वालों के लिए, यह फिल्म विद्या को बढ़ाती है, प्रशंसकों को पिछले कार्यों को संजोने और उनसे जुड़ने का मौका देती है।

“लियो” न देखने के कारण:

  1. धीमा दूसरा भाग: फिल्म का दूसरा भाग पहले भाग की तरह तीव्रता और जुड़ाव का स्तर बरकरार नहीं रखता है। गति धीमी है, और कुछ दर्शकों को यह थोड़ा विलंबित लग सकता है।
  2. कमजोर चरित्र विकास: संजय दत्त और अर्जुन द्वारा निभाए गए पात्रों सहित कुछ पात्र, सीमित चरित्र विकास के कारण स्थायी प्रभाव नहीं छोड़ सकते हैं।
  3. परिचित कथानक: फिल्म की कहानी कुछ हद तक परिचित लग सकती है और इसमें उस विशिष्टता का अभाव है जो कुछ दर्शक नई रिलीज में तलाश सकते हैं।
  4. भावनात्मक दृश्य और गाने: फिल्म के भावनात्मक दृश्य अपेक्षित भावनात्मक प्रभाव नहीं डाल पाएंगे, और गाने अधिक प्रभावशाली हो सकते हैं।

आपको “लियो” देखनी चाहिए या नहीं यह आपकी प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। यदि आप थलपति विजय के प्रशंसक हैं या एक्शन से भरपूर फिल्मों का आनंद लेते हैं, तो यह देखने लायक है, खासकर आकर्षक पहले भाग के लिए। हालाँकि, यदि आप पूरी तरह से ताज़ा और अभूतपूर्व कहानी की तलाश में हैं, तो आप शायद अपनी अपेक्षाओं को नियंत्रण में रखना चाहेंगे। सिनेमा में जाने से पहले अपने स्वाद और प्राथमिकताओं पर विचार करना हमेशा एक अच्छा विचार है।

Conclusion

“लियो” एक थलापति विजय-संचालित एक्शन असाधारण फिल्म है। पहला भाग आकर्षक क्षण पेश करता है, लेकिन दूसरे भाग में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। फिल्म के फ्लैशबैक सीक्वेंस और चरित्र विकास और मजबूत हो सकते थे। फिर भी, इसके कुछ पल हैं, खासकर लोकेश सिनेमैटिक यूनिवर्स के प्रशंसकों के लिए। “लियो” बॉक्स ऑफिस पर हिट होगी या नहीं यह विजय की स्टार पावर और फिल्म के एलसीयू से कनेक्शन पर निर्भर करता है।

फिल्म “लियो” के बारे में कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: “लियो” किस बारे में है?

A1: “लियो” एक तेलुगु एक्शन ड्रामा है जो हिमाचल प्रदेश में एक कैफे चलाने वाले थलपति विजय द्वारा अभिनीत पार्थिबन की कहानी पर आधारित है। उसके जीवन में एक नाटकीय मोड़ आता है जब उसे कुछ उपद्रवियों द्वारा धमकी दी जाती है, और गैंगस्टर उसके जीवन में आते हैं, यह विश्वास करते हुए कि वह उनके लंबे समय से खोए हुए परिवार के सदस्य, लियो दास हैं।

Q2: “लियो” में मुख्य अभिनेता कौन हैं?

A2: फिल्म में संजय दत्त, तृषा, अर्जुन और अन्य उल्लेखनीय अभिनेताओं के साथ पार्थिबन के रूप में थलपति विजय मुख्य भूमिका में हैं।

Q3: “लियो” कब रिलीज़ हुई थी?

A3: “लियो” 19 अक्टूबर, 2023 को रिलीज़ हुई थी।

Q4: क्या “लियो” एक बड़े सिनेमाई ब्रह्मांड का हिस्सा है?

A4: हाँ, “लियो” लोकेश सिनेमैटिक यूनिवर्स (LCU) का हिस्सा है, जो अपनी परस्पर जुड़ी कहानियों और पात्रों के लिए जाना जाता है।

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